श्री ब्रह्मचैतन्य गोंदवलेकर महाराज यांच्या
ह्रद्य आठ्वणी
लेखक ल.ग.मराठे
प्रकाशक श्री.गिरीश भालचंद्र जोशी
सध्दहेतुखालीदेखिल आपले विषय प्रेम दडलेले असते
'काय' सांगितले ह्या पेक्षा 'कोणी' सांगितले ते महत्वाचे
योग साधने पेक्षा नम स्मरण श्रेयस्कर
आपले कर्तव्य करून फल रामावर सोपवावे
वाट्यास आलेले कम 'भगवंताची इच्छा' समजून कर्तव्यबुद्धीने करावे
2 comments:
शानदार प्रयास बधाई और शुभकामनाएँ।
एक विचार : चाहे कोई माने या न माने, लेकिन हमारे विचार हर अच्छे और बुरे, प्रिय और अप्रिय के प्राथमिक कारण हैं!
-लेखक (डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश') : समाज एवं प्रशासन में व्याप्त नाइंसाफी, भेदभाव, शोषण, भ्रष्टाचार, अत्याचार और गैर-बराबरी आदि के विरुद्ध 1993 में स्थापित एवं 1994 से राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली से पंजीबद्ध राष्ट्रीय संगठन-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान- (बास) के मुख्य संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जिसमें 05 अक्टूबर, 2010 तक, 4542 रजिस्टर्ड आजीवन कार्यकर्ता राजस्थान के सभी जिलों एवं दिल्ली सहित देश के 17 राज्यों में सेवारत हैं। फोन नं. 0141-2222225 (सायं 7 से 8 बजे), मो. नं. 098285-02666.
E-mail : dplmeena@gmail.com
E-mail : plseeim4u@gmail.com
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http://baasindia.blogspot.com/
Namaste डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश ji,
Pranam Shri Surendra Singh Bhamboo ji,
Hume protsahan dene k li a danyawad|
apka shubhakankshi
Koparday
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