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दीपावली
दीप की महिमा इतनी है की उसका बखान करना मुश्किल है|दीपावली में दीप की पूजा की जाएगी| हम सब कितने हर्ष से दीपोत्सव मनाते है|संत तुलसीदास कहते है साधक अपने ह्रदयमंदिरमें दीप प्रज्वलित करता है|सात्विक श्रद्धा रूपी धेनु (गाय ) हरि कृपा के कारन ह्रदय में आकर बसती है जप तप व्रत नियम इस तृनको चरती है|भाव रूपी बछड़े को देखकर उसे पान्हा फूटता है|विस्वास के पात्रमे निर्मल मनरूपी अहीर परमधर्मरूपी दूध दुहता है|उस दूधमें जामन डालकर मुदित होकर विचार मथनी से उसका मंथन करता है|तब उससे विमल वैराग्यरूपी नवनीत निकलता है|योग अग्निमे शुभ अशुभ कर्मों को जलाकर घृत में रहे ममता ज़ल को ख़त्म करता है| ये विशुद्ध घृतको चित्तके दिएमें भरकर दृढ़ समता रूपी अग्नि प्रगट किया जाता है|इस दीप से जो प्रकाश प्रगट होता है उसमे जीव शिवमें पड़ी हुयी भ्रान्ति की गांठ को छुड़ाने की कोशिश करता है|मायाके कारन इंद्रिय झरोंखोसे विषय पवन बहता हुवा अन्दर आकर इस दीप को बुझानेकी कोशिश करेगा| ऐसे सुन्दर दीपक का बखान संत तुलसीदासजी करते है|एक जलती हुयी मोमबत्ती बिना जलतीहुयी मोमबत्ती के पास जाती है|बिना जलतीहुयी मोमबत्तीने सब कुछ पाया जो उसे चाहिए और जलती हुयी मोमबत्तीने कुछ नहीं खोया जो उसके पास था उसमेसे|दक्षिणभारतमे करीब सब मंदिरोंके गर्भ गृह में दीप ही प्रज्वलित किया जाता है|बिजली का दीप (लैंप )कही भी नहीं दिखाई देगा|दीपकी महिमा बहुत है|उसका प्रकाश प्रसन्नता प्रदान करता है|दीप की ज्योत हमेशा उर्ध्वगामी रहती है|हमें ऊपर उठनेकी प्रेरना देती है|दीप का दर्शन मन को पवित्र और प्रसन्न करता है|दीप ये भगवान ने हमें दी हुयी सुन्दर और दिव्य भेट है|इसलिए हम हर्षसे दीपावली त्यौहार मनाते है|शुभ दीपावली|भूमंडल पर बस रहे सब मानव ,भाईबहन,बालक इन सबको हम अमृतवाणी के तरफसे दीपावली की शुभ कामनाये दे रहे है|
जानकीजीवन स्मरण जय जय राम|
1 comment:
aap ke vichar bahot hi ache lage. aapko bhe Dipavali aur nave saal ki bahot bahor shubhakamnaye.
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